Wednesday, 27 May 2020

New Ghazal by Mohibbullah Rafique Qasmi

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Per Lagayen ham

  पेड़ लगाएँ  मामूली खताओं को चलो माफ़ करें हम और पेड़ लगा कर के फेज़ा साफ़ करें हम आलुदगी इतनी है की दम घुटने लगा है माहौल से भी चाहिए इंसाफ़ करे...